बिहार के शिक्षा मंत्री (Bihar Education Minister) हमेशा अपने बयान को लेकर चर्चा में रहते हैं. वहीं इस बार अपने कारनामे को लेकर चर्चा में हैं. मंत्री चंद्रशेखर (Bihar Education Minister Chandrashekhar) ने सरकारी नियमों को ताक पर रखकर मदरसा एजुकेशन बोर्ड के अध्यक्ष पद पर अपने पसंदीदा व्यक्ति को बैठा दिया है. दरअसल, बिहार में तीन हजार से ज्यादा मदरसों को संचालित करने से लेकर सरकारी मदद देने के लिए बनाए गए मदरसा एजुकेशन बोर्ड (Bihar State Madrasa Education Board) को कमाई का अड्डा माना जाता रहा है. बिहार में फिलहाल सत्ता में बैठी राजद के ही कई विधायक मदरसा एजुकेशन बोर्ड में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाते रहे हैं.
क्या है पूरा मामला?
बिहार राज्य मदरसा एजुकेशन बोर्ड (Bihar State Madrasa Education Board) के पिछले अध्यक्ष का कार्यकाल इस साल की शुरूआत में समाप्त हो गया था. मदरसा एजुकेशन बोर्ड सरकार के शिक्षा विभाग के अधीन आता है. मंत्री चंद्रशेखर (Bihar Education Minister Chandrashekhar) ने पिछले अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अपने पसंदीदा अधिकारी को बोर्ड के अध्यक्ष का प्रभार दे दिया. मंत्री ने बिहार शिक्षा सेवा के जूनियर अधिकारी मोहम्मद अब्दुस सलाम अंसारी को मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष का प्रभार दे दिया है. अंसारी माध्यमिक शिक्षा के उपनिदेशक हैं. इसी बात पर उनकी फजीहत हो रही है.
Bihar State Madrasa Education Board का चयन कैसे होता है?
यहां आपको बता दें कि इस खेल में सरकार के नियमों को ही ताक पर रख दिया गया. बिहार सरकार ने मदरसा बोर्ड को संचालित करने के लिए बिहार मदरसा शिक्षा बोर्ड नियमावली 2022 बना रखा है. इसमें मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के लिए स्पष्ट प्रावधान हैं.
मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में केवल उन व्यक्तियों को योग्य माना जाता है
- जो केन्द्रीय या राज्य सरकार के अधीन पर्याप्त प्रशासनिक अनुभव रखता हो
- जो स्नातकोत्तर स्तर तक शिक्षा प्रदान करने वाली शैक्षणिक संस्था में न्यूनतम दस वर्षों का शिक्षण अथवा शोध का अनुभव रखता हो
- जो अरबी, फारसी, इस्लामिक अध्ययन में ख्याति प्राप्त विद्वान हो और मदरसा शिक्षा में अभिरूचि रखता हो
यानि राज्य सरकार का नियम ये है कि पर्याप्त अनुभव वाला कोई प्रशासनिक अधिकारी, यूनिवर्सिटी में 10 साल तक पढ़ाने वाला व्यक्ति या अरबी-फारसी और इस्लामिक अध्ययन में ख्याति प्राप्त विद्वान ही मदरसा बोर्ड का अध्यक्ष बन सकता है. लेकिन मंत्री चंद्रशेखर ने एक ऐसे व्यक्ति को इसका अध्यक्ष बना दिया जो इस लायक ही नहीं.
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