बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय (Babasaheb Bhimrao Ambedkar Bihar University) में पीएचडी एड्मिशन टेस्ट (Bihar PhD Admission Test) को लेकर बड़ा घोटाला सामने आ रहा है. यहां एडमिशन टेस्ट में वही सवाल पूछे गए जो 2019 में थे. सबसे बड़ी बात है कि सवालों के ऑप्शन तक नहीं बदले गए. इसे लेकर बिहार में (Bihar News) अब खूब बवाल हो रहा है.
बता दें, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय (Babasaheb Bhimrao Ambedkar Bihar University) द्वारा 2019 में पीएचडी एडमिशन टेस्ट का आयोजन किया गया था. इसके बाद इस साल भी इसका आयोजन किया गया. इस परीक्षा के सवालों को जब 2019 में आयोजित परीक्षा के सवालों से मिलाया गया तो प्रश्न पत्र के क्रम का 21 नंबर से 50 नंबर तक इस बार के पैट के सीरियल नंबर एक से तीस तक लगातार है. बस दोनों के नंबर बदल गए हैं. इसके ऑप्शन तक को नहीं बदला गया.
हालांकि, इस बारे में विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि ऐसा नहीं हो सकता है. सौ प्रतिशत प्रश्न हूबहू नहीं आ सकते हैं. एक या दो सवालों को वापस से पूछा जा सकता है. विश्वविद्यालय का कहना है कि सवालों को सेट करने की जिम्मेदारी को भी विश्वविद्यालय एजेंसी को देती है. ऐसे में एक साथ सभी प्रश्नों का मिल जाना उस एजेंसी पर भी सवाल खड़ा करता है.
वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने इस मुद्दे पर कहा कि चार साल बाद परीक्षा हुई है तो प्रश्वनों का मिलना स्वभाविक है. हालांकि, उन्होंने कहा कि सौ प्रतिशत सवाल मिलने की बात से वह संतुष्ट नहीं हैं. कुलपति के मुताबिक, परीक्षा पूरी तरह से कदाचारमुक्त माहौल में हुई है. उन्होंने कहा कि सवाल सेट करने का काम एजेंसी को दिया जाता है. यदि सौ प्रतिशत सवाल दोहराए गए हैं तो इसकी जांच होगी.
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