बिहार में जाति आधारित जनगणना (Caste Census) कराने के लिए राज्य सरकार तत्पर है. लेकिन हाई कोर्ट के फैसले के बाद नीतीश सरकार का मन छोटा हो गया था. हालांकि, पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में नई याचिका दायर कर दी. बिहार सरकार (Bihar Government) ने सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ याचिका दायर कर पटना हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करने और जातिगत जनगणना शुरू करने की इजाजत देने की मांग की है.
बिहार सरकार के वकील मनीष सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) इस पर कब सुनवाई करेगी यह अब तक तय नहीं हुआ है. बता दें, इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को बड़ा झटका दिया था. 4 मई को पटना हाईकोर्ट ने बिहार में चल रहे जातीय जनगणना को असंवैधानिक और गलत बताते हुए अगले आदेश तक इस पर रोक लगा दिया था.
हाईकोर्ट नेे इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए 7 जुलाई की तारीख तय की थी. लेकिन इसके बाद बिहार सरकार ने जातीय जनगणना मामले को जल्द सुनवाई के लिए फिर से पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. 9 मई को पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था.
पटना हाईकोर्ट में बिहार सरकार की ओर से यह भी मांग की गई थी कि उसे जातीय जनगणना का काम जारी रखने दिया जाए. इसका 80 प्रतिशत काम हो चुका है, कोर्ट बाकी बचे काम को भी पूरा करने की इजाजत दे. सरकार नेे कहा था कि जातीय जनगणना का काम पूरा करने के बाद इसे सार्वजनिक तभी किया जाएगा जब कोर्ट इसकी इजाजत देगी. लेकिन हाईकोर्ट ने इसे मानने से भी इंकार कर दिया था. ऐसे में बिहार सरकार अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गई है.
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