दीपावली हिंदुओं के बड़े त्यौहारों में से एक है. इसे दीवाली और दीपोत्सव भी कहते हैं. यह साल के बड़े पर्वों में से एक होता है. लोग इसे काफी धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन भगवान राम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष के वनवास को पूरा कर लौटे थे. तब से आजतक लोग हर साल इस समय पर दिवाली मनाते हैं. लेकिन किसी भी पर्व-त्यौहार को मनाने के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना जरूरी होता है. ऐसे में आज जानेंगे इस बार दिवाली किस दिन और इसे मनाने का शुभ मुहूर्त कौन सा है?
Diwali: दिवाली शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक मास के 15वें दिन अमावस्या को मनाई जाती है. इस साल दिवाली का पर्व देशभर में 12 नवंबर को मनाया जाएगा. दिवाली के दिन सूर्यास्त के बाद भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है. 12 नवंबर को अमावस्या तिथि का आरंभ 12 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 45 मिनट से प्रारंभ होगी और 13 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगी.
दिवाली पूजा सामग्री
- देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां/चित्र
- कुमकुम, चंदन, हल्दी और रोली
- अक्षत
- पान और सुपारी
- आम के पत्ते
- चावल के दाने
- साबुत नारियल अपनी भूसी के साथ
- पंचामृत
- पुष्प, प्रसाद विशेषकर लड्डू और फल
- साबुत गेहूं के दाने
- दूर्वा घास
Diwali Puja Vidhi: जानें दिवाली पूजा विधि
दीपावली के दिन सूर्यास्त के वक्त लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है. एक चौकी पर लाल वस्त्र डालकर लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति या चित्र रख दें. एक कलश रखें जिसमें पानी भरकर रखें. इस कलश में सुपारी, गेंदा का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डालें. कलश पर पांच आम के पत्ते एक घेरे में रखें. इसके अलावा पूजा के स्थान पर अपने अकाउंट बुक और बिजनेस से संबंधित वस्तुओं को रखें. फिर पूजा शुरू करें और फल-फूल, नारियल और लड्डू आदि का भोग लगाएं. इस तरह पूजा संपन्न होगी.
जानें दिवाली का महत्व
हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि पर दिवाली मनाया जाता है. दिवाली के दिन सुख-समृद्धि आती है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी अपने भक्तों के लिए धरती पर आती हैं और उन्हें धन-धान्य का आशीर्वाद देती हैं. यही वजह है कि इस दिन लोग मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आने की कामना करते हैं. साथ ही इस दिन गणेश भगवान की भी पूजा होती है.