हिंदी का जन्मदिवस (कहानी)
एक बार की बात हैं, बेटी हिंदी बहुत उदास बैठी थी। वह मन ही मन सिसक सिसक कर रो रही थी।
तभी भारत माँ का प्रवेश होता हैं।
भारत माँ बोली -” क्या हुआ हिंदी बेटी ?
(हिंदी ज़ोर से भारत माँ के गले लग जाती हैं।)
भारत माँ – क्या हुआ? कुछ बता हिंदी।
हिंदी:- भारत माँ ,मैं तुम्हारी अंश हूँ। फिर सब मुझे सादी सी,मात्राओ की अम्मा, स्वर- व्यंजन वाली कहकर क्यो चिढ़ाते हैं। सब कहते हैं, मैं पुरानी फैशन हो गयी हूँ।
पता है माँ, अंग्रेजी, जापानी, स्पेनिश भैया सब बहुत फैशन वाले कपड़े पहनते हैं। सब उनके साथ रहकर खुश हो जाते हैं।
भारत माँ तुम्हारे निवासी अंग्रेजी भैया पर बहुत गर्व करते हैं।
बड़े बड़े बिज़नेसमैंन अंग्रेजी भैया से बहुत प्यार करते हैं।
पर शायद मुझे कोई प्यार नही करता।
तभी भारत माँ बोली :-
” हिंदी तू कितनी भोली हैं, बेटी।
सरलता से सबका मन मोह लेती।”
हिंदी(आश्चर्यजनक होकर बोली) :- मतलब?
भारत माँ :- तुझे पता है, हिंदी, दिनकर कवि जी क्या कहते हैं
“हिंदी तोड़ने की नही, जोड़ने की भाषा हैं।”
हिंदी तूने अपने भीतर अंग्रेजी, पुर्तगाली, तुर्की, अरबी, फ़ारसी, संस्कृत,उर्दू सभी भाषाओं को शामिल किया हैं।
प्रेमचंद, कुमार विश्वास, और न जाने कितने कवि और लेखक ने तुझे ही अपनी पहचान बना कर अपनी पहचान बनाई हैं। आज भी जब टीवी पर लता मंगेशकर जब हिंदी गीत गूँजता हैं।
” ज़िंदगी प्यार का गीत हैं।इसे हर दिल को गाना पड़ेगा।”
तब सारी जनता आज भी इस गीत संग गुनगुनाती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो जी20 मे पूरे देश की अध्यक्षता कर रहे हैं, वे भी हिंदी भाषी हैं। नई शिक्षा नीति 2020 ने तो ये भी कहा हैं, कि आरम्भिक शिक्षा उनकी मातृभाषा में दी जाए।
मेडिकल की पढ़ाई भी अब तो हिंदी भाषा मे शुरू करने की बात की जा रही हैं। अब तू समझी बिटिया हिंदी,तू नही पुरानी और वृद्ध। तू हैं सम्पूर्ण और समृद्ध ।
तभी तो हर साल 14 सितंबर को तेरा जन्मदिवस ,हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं। तू भारत में तीसरे नम्बर पर अधिक बोली जाने वाली भाषा हैं। यही तेरी विशेषता हैं। मेरे विदेशी भाई फीजी, मोररिशस ,गुयाना में भी तू सबकी लाडली हैं।
तेरे लिए तो रेडियो उद्योग, आकाशवाणी तथा बड़े बड़े विद्यालय और विश्वविद्यालय में हिंदी पखवाड़ा मनाया जाता हैं।
हिंदी:- सही भारत माँ, मुझे तो तुम्हारे निवासी बहुत प्यार करते हैं।
भारत :- चलो हिंदी आज 14 सितंबर हैं, तुम अपना जन्मदिन मनाओ, तुम ये ले गाजर का हलवा खाओ।
हिंदी खुशी खुशी हलवा खाती हैं और गुनगुनाती हैं:-
” हिंदी हैं हम ,हिंदी हैं हम, वतन हैं हिन्दोस्तान हमारा हमारा………