हम क्या कहें और क्या न कहें
तुम मिले हो हमे इसी शाम में,
इज़हार करे तो जल्दी होगी,
न करें तो देर,
हम क्या कहें और क्या न कहें
तुम मिले हो हमे इसी शाम में,
कहने से कुछ तो अभी डर है लगता,
कहोगे क्या तुम, ये सोच दिल मचलता
इकरार करें तो जल्दी होगी,
न करें तो देर
हम खो न दें, तुमको कही
चाहें रखना तुम्हें पास, हर इक बात में,
हम क्या कहें
और क्या न कहें
तुम मिले हो हमे, इसी शाम में,
बीत गया वक्त घर जाना भी होगा,
फिर मिलने के लिए बिछड़ना भी होगा।
हम जाएं तो जल्दी होगी, रुक जाएं तो देर
हम जाए भी या न जाएं
तुम थामोगे हाथ तो रुक जाएंगे,
हम क्या करें और क्या न करें तुम मिले हो हमे इसी शाम में।