बिहार के राजनीतिज्ञ (Politicians of Bihar) अक्सर ऐसा बयान दे देते हैं जो चौंकाने वाला होता है. इस कड़ी में आज हम बात करेंगे राज्य के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Bihar Education Minister Chandrashekhar) के बारे मेें. संत धीरेंद्र शास्त्री उर्फ बाबा बागेश्वर (Baba Bageshwar) के बिहार दौरे पर टिपण्णी करने वाले चंद्रशेखर के जुबान पलट गए हैं. बता दें, बिहार के शिक्षा मंत्री ने संत की तुलना आसाराम और राम रहीम कर से दी थी. लेकिन अब शिक्षा मंत्री के सुर बदल गए हैं. वह बाबा बागेश्वर को प्रणाम कर रहे हैं. यहां आपको बता दें कि 12 मई को बागेश्वर बिहार आ रहे हैं. 13 मई से नौबतपुर में उनका तीन दिवसीय प्रवचन कार्यक्रम चलेगा, जिसमें शामिल होने पूरे बिहार से लोग आएंगे. वहीं अब उनके बिहार आगमन पर शिक्षा मंत्री के सुर बदल गए.
दरअसल, मंत्री चंद्रशेखर (Bihar Education Minister Chandrashekhar) ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में संत धीरेंद्र शास्त्री पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा, “ सब बाबाओं का हाल जानते हैं न कैसा होता है. आसाराम बापू हो या राम रहीम हो, बाबाओं की स्थिति जब पोल खुलती है तब पता चलता है. अब खुद को स्वयंभू भगवान कहते हैं तो हमारे जैसे लोग उन्हें प्रणाम करते हैं. रही बिहार आने की बात तो प्रजातंत्र है, कोई भी आए जाए, किसी को मनाही नहीं है. मगर बात यह है कि नफरत फैलाने की इजाजत किसी को नहीं मिलेगी. यह बात पहले भी कही जा चुकी है.”
चंद्रशेखर (Bihar Education Minister Chandrashekhar) ने आगे कहा कि नफरत फैलाने वालों का क्या हाल हुआ है, ये सब जानते हैं. भाजपा के लोग नफरत फैलाने वाले हैं. वो मोहब्बत वाले नहीं, बल्कि देश को बर्बाद करने वाले लोग हैं. नफरत फैलाने वाला कोई भी हो, वो देशद्रोही ही होगा.
कौन हैं बिहार के वर्तमान शिक्षा मंत्री?
बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रेशेखर (Education Minister Chanadershekhar’s Biography) राजद नेता हैं. मंत्री बनने से पहले वह विज्ञान के प्रोफेसर थे. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के टिकट से लगातार तीन बार मधेपुरा विधानसभा से विधायक का चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बना चुके हैं. इससे पहले बिहार सरकार में आपदा मंत्री थे. चंद्रशेखर का जन्म 3 मार्च 1961 को मधेपुरा के एक गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम अनिरुद्ध प्रसाद यादव है.

रामचरितमानस पर बयान देकर चर्चा में आए थे
बता दें चंद्रशेखर धर्म आदि विषयों पर अपनी टिपण्णी को लेकर पहले भी चर्चा में आ चुके हैं. दरअसल, शिक्षा मंत्री नेे हिंदु धर्म के एक सम्मानिय पुस्तक के लिए गलत शब्दों का इस्तेमाल कर दिया था. एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था, “ मनुस्मृति में समाज की 85 फीसदी आबादी वाले बड़े तबके के खिलाफ गालियां दी गईं हैं.” उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस समाज (Bihar Education on Minister Ramcharitmanas) में नफरत बोने वाला ग्रंथ है.
उनकेे इस बयान के बाद उनकी कड़ी आलोचना (Bihar Education Minister Troll)हुई थी. यहां तक की उनकी खुद की सरकार के लोग उन्हें निशाने पर ले रहे थे. इस कड़ी में जदयू नेता और विधान पार्षद नीरज कुमार का नाम सबसे पहले आता है. उन्होंने विधानसभा में चंद्रशेखर पर इशारा करते हुए कहा था कि विधानसभा में संविधान पर चर्चा होनी चाहिए न की रामायण, महाभारत और कुरान में फंसे रहना चाहिए.
शिक्षा मंत्री के इस बयान केे बाद न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश में उनकी चर्चा होने लगी. हालांकि, इससे पहले तो कई लोग उन्हें जानते भी नहीं थे. लेकिन रामचरित पर विवादित टिपण्णी केे बाद चंद्रशेखर ने खूब सुर्खियां बटोरी.
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