आपने तन्नू वेड्स मन्नू फिल्म तो देखा ही होगा. इस फिल्म के गाने को काफी पसंद किया गया था. आज भी इन गानों को समय-समय पर सुना जाता है. ऐ रंगरेज़ मेरे गाना का वो लाइन ‘रंगरेज़ मेरे दो घर क्यों रहे एक ही रंग मेें दोनों घर रंग दे’ आज भी जु़बान पर आ जाता है. क्या कभी किसी ने सोचा भी होगा कि एक पुरुष गीतकार इस कदर संवेदशील होकर लिख सकता है. लेकिन ऐसा कर दिखाया बॉलीवुड के गीतकार राज शेखर (Bollywood Lyricist Raj Shekhar) ने. तन्नू वेड्स मन्नू फिल्म (Tannu Weds Mannu Film) के गाने लिखकर बॉलीवुड में नाम कमाने वाले गीतकार राज शेखर (Lyricist Raj Shekhar) का आज जन्मदिन है. राज शेखर बिहार के सहरसा जिले के रहने वाले हैं. उनके जन्मदिन के मौके पर हम उनके बारे में जानेंगे कुछ खास बातें.
2 घंटे में लिखा Tannu Weds Mannu Returns फिल्म का गाना
तन्नू वेड्स मन्नू रिटर्न्स फिल्म (Tannu Weds Mannu Returns) का गाना है ‘घनी बावरी’. इस गाने को राज शेखर ने सबसे कम वक्त में लिखा है. उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने केवल 2 घंटे में यह गाना लिखा था. यह बहुत दिलचस्प बात है कि राज शेखर बिहार के हैं और उन्हें बिल्कुल भी हरियाणवी नहीं आती. लेकिन उन्होंने यह गाना जिसमें हरियाणवी टच है उसे महज दो घंटे में लिखा.
Raj Shekhar: असिस्टेंट डायरेक्टर से बने गीतकार
राज ने बताया कि उन्होंने पहले कभी सोचा नहीं था कि वो गीतकार बनेंगे. वो तो ‘तन्नु वेड्स मन्नु’ में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम कर रहे थे. फिर एक दिन आनंद एल राय (Aanand L. Rai) ने उन्हें फिल्म के लिए एक गाना लिखने के लिए कहा. आनंद एल राय ने कहा कि अगर उन्हें गाना अच्छा लगा तो वो इसे फिल्म में जरूर लेंगे. आनंद एल राय को राज शेखर के लिखे गाने इतने पसंद आए कि उन्होंने राज को फिल्म के सारे गाने लिखने का काम दे दिया. इस तरह राज शेखर असिस्टेंट डायरेक्टर से गीतकार बन गए.
राज शेखर के अब तक के काम…
बॉलीवुड में गीतकार के तौर पर राज शेखर का सफर तन्नू वेड्स मन्नू से शुरू हुआ. इसके अलावा उन्होंने वीरे दी वेडिंग, तन्नू वेड्स मन्नू रिटर्न, हिचकी, यूरी-द सर्जिकल स्ट्राइक और करीब करीब सिंगल, सांड की आंख, जबरिया जोड़ी आदि जैसे प्रोजेक्ट्स किए हैं. इससे इतर उन्होंने कई टीवी-शो की कहानी भी लिखी है. एक वरिष्ठ पत्रकार को इंटरव्यू देते हुए राज शेखर ने कहा था कि टीवी ने बुरे वक्त में बहुत काम दिया. सावधान इंडिया के शुरुआती ऐपिसोड्स राज शेखर के हिस्से ही आए थे. हाल ही में उन्हें दिल्ली हिन्दी काव्य अकादमी सम्मान से नवाजा गया.