बिहार का गया जिला जिसे ज्ञान व मोक्ष की भूमि भी कहा जाता है अब अपने रेलवे स्टेशन के लिए भी जाना जाएगा. गया रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने के लिए जोरों-शोरों से काम चल रहा है. वर्ष 2024 के अंत तक गया रेलवे स्टेशन को नया रूप देने का लक्ष्य रखा गया है जिसके लिए लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. बताया जा रहा है कि पुनर्विकास से जुड़े काम होने के बाद यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी.

पुनर्विकास के बाद क्या-क्या बदलेगा?
गया रेलवे स्टेशन में बदलाव करके उसे हाईटेक बनाया जाएगा. इससे ज्यादा से ज्यादा यात्री गया आएंगे. पुनर्विकास के बाद आने वाले बदलाव-
- तकनीक, स्थानीय संस्कृति और समृद्ध विरासत
- यात्रियों को सेवा प्रदान करने की सुविधा तीन गुणा बढ़ जाएगी
- स्थानीय लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने में फायदा होगा
- यात्रियों को संरक्षा, बेहतर अनुभव और विश्वस्तरीय सुविधा मिलेगी
- वेंटिलेशन की पर्याप्त व्यवस्था होगी
- पीने का पानी, वॉशरूम, खान-पान की व्यवस्था, एटीएम, इंटरनेट, आदि शामिल होंगे
- यात्रियों के लिए अलग आगमन, प्रस्थान और तीर्थ यात्रा भवन का निर्माण किया जाएगा
- वर्तमान की तुलना मेें मुख्य स्टेशन भवन के लिए 2.35 गुणा अधिक जगह तथा पार्किंग एरिया के लिए 4.9 गुणा अधिक जगह उपलब्ध होंगे
- अतिरिक्त टिक्ट सुविधा
- दिव्यांग अनुकूल सुविधाएं
- ग्रीन ऊर्जा हेतु स्टेशन भवन पर सौर पैनल का प्रावधान
- रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान
- वाटर रिसाइक्लिंग प्लांट
- ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और अग्निशमन आदि की व्यवस्था होगी
- प्रतीक्षालय के लिए अतिरिक्त 6,400 वर्ग मीटर कॉनकोर्स एरिया
- स्टेशन पर कुल 23 लिफ्ट और 11 एस्केलेटर की सुविधा होगी
इसके अलावा और भी कई छोटे-बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. गया रेलवे स्टेशन की रूप-रेखा बदलने का मुख्य उद्देश्य है कि पर्यटकों को हर प्रकार की सुविधा मिले. यहां आपको बताते चलें कि गया बिहार का ऐसा जिला है जहां अधिक संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं. इसके अलावा विदेशी पर्यटकों को वैशाली, बोधगया और राजगीर के ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल आकर्षित करतेे हैं.
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