इस साल के अंत तक देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इन राज्यों में एक राजस्थान भी है, जिसे राजाओं का शहर कहा जाता है. राजस्थान में इस बार भाजपा कई सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतार सकती है. साल 2018 के विधानसभा चुनाव से सीख लेते हुए भाजपा इस बार बदलाव की बात कर रही है. बता दें, साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने चार सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था.
इस बार भाजपा पर टिकट देने का जोर इसलिए भी बढ़ रहा है क्योंकि दिल्ली केंद्रीय नेतृत्व से भी लगभग-लगभग हरी झंडी मिल चुकी है. ऐसे में झुंझनू, जयपुर, धौलपुर और सीकर जिले में भाजपा के मुस्लिम प्रत्याशी अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. अब भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी के अंतिम निर्णय का इंतजार किया जा रहा है.
मालूम हो कि साल 2013 में बीजेपी ने चार सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में उतारा था. इनमें दो को जीत मिली और दो हार गए थे, जिसमें नागौर विधानसभा सीट से हबीबुर रहमान और डीडवाना से यूनुस खान चुनाव जीते थे. मंडावा से सलीम तंवर को तीसरा स्थान और धौलपुर विधान सभा सीट से अब्दुल सगीर खान को भी तीसरा स्थान मिला था. वहीं, वर्ष 2018 में टोंक से यूनुस खान को भाजपा ने मैदान में उतारा था, मगर उन्हें हार मिली थी.
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष हमीद खान मेवाती की मानें तो कई सीटों पर तैयारी चल रही है. जैसे जयपुर जिले की हवामहल, भरतपुर की कामां, झुंझुनू की मंडावा, सीकर की फतेहपुर और डीडवाना के लिए पूरी कोशिश है. इन सीटों पर खासकर डीडवाना और मंडावा पर भाजपा ने पहले भी मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में उतारा है.
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