राजस्थान (Rajasthan) में मंहगाई का असर गरीबों की थाली पर न दिखे इसके लिए वहां की राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इस सिलसिले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने इंदिरा रसोई योजना (Indira Rasoi Yojna) शुरू किया. इस योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से मात्र आठ रुपये में भोजन उपलब्ध करवाया जाता है. आज हम आपको इस लेख के माध्यम से इंदिरा रसोई योजना की पूरी जानकारी देंगे.
Highlights Of Indira Rasoi Yojana
- इस योजना के तहत एक समय में खिलाई जाने वाली प्रति थाली पर ₹25 का खर्च आता है जिसके लिए लाभार्थी को एक वक्त की थाली के लिए ₹8 देने पड़ते हैं और राज्य सरकार द्वारा प्रति थाली ₹17 का अनुदान दिया जाता है.
- इससे पहले इस योजना के तहत प्रति थाली पर ₹20 खर्च किया जाता था जिसमें ₹8 लाभार्थी द्वारा और ₹12 राज्य सरकार द्वारा दिया जाता था.
- इंदिरा रसोइयों का संचालन एनजीओ द्वारा किया जाता है.
- राज्य में जिला स्तर पर योजना की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर को सौंपी गई है.
- राजस्थान Indira Rasoi Yojana का सभी कार्य इंदिरा रसोई वेब पोर्टल पर किया जाता है.
- राजस्थान संपर्क पोर्टल के माध्यम से इस योजना के लाभार्थियों से दूरभाषा पर निरंतर फीडबैक भी लिया जाता है.
- हर महीने कम से कम 2 बार इंदिरा रसोइयों का निरीक्षण किया जाता है और इसका रिपोर्ट मोबाइल ऐप के माध्यम से प्रेषित किया जाता है. भोजन की गुणवत्ता पर निगरानी रखने का कार्य नगर निकायों का होता है.
Rajasthan Indira Rasoi Yojana: क्या है इंदिरा रसोई योजना?
इंदिरा रसोई योजना एक ऐसी योजना है जिसके तहत हर व्यक्ति को मात्र 8 रुपये में पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाता है. यह सुविधा केवल राजस्थान के निवासी को ही मिलती है. कोरोनाकाल में बहुत से लोगों की हालत ऐसी हो गई थी कि उन्हें दो वक्त का खाना भी नसीब नहीं होता था. उस दौरान राजस्थान की सरकार ने इंदिरा रसोई योजना (Indira Rasoi Yojana) की शुरुआत की. वहीं अभी भी इस योजना के तहत लाभार्थियों को भोजन दिया जाता है.
कब हुई Indira Rasoi Yojna की शुरुआत?
यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोरोनावायरस संक्रमण के समय लोगों को भोजन उपलब्ध नहीं हो पाता था. इस जरूरत को पूरा करने के लिए राजस्थान सरकार ने 20 अगस्त को इंदिरा रसोई योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के माध्यम से राजस्थान में गरीब लोगों को ₹8 में एक वक्त का ताजा और पौष्टिक खाना खिलाया जाता है. सिर्फ इतना ही नहीं यह भी सुनिश्चित किया जाता है जरूरतमंदों को यह खाना सम्मानपूर्वक साफ जगह पर बैठाकर खिलाया जाए. एक वक्त की थाली में ₹25 का खर्च आता है जिसमें ₹17 राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है तो वहीं ₹8 लाभार्थी से लिया जाता है.
हाल में Indira Rasoi Yojna की चर्चा क्यों?
राजस्थान में 10 सितंबर, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) और प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने टोंक ज़िले के निवाई स्थित झिलाय में इस योजना का शुभारंभ किया. इस योजना को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के नाम से लाया गया. ‘इंदिरा रसोई योजना (ग्रामीण)’ के तहत पूरे प्रदेश में 400 ग्रामीण इंदिरा रसोइयों का शुभारंभ किया गया है. हालांकि, राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में इस तरह की योजना 2020 से चल रही है.
इंदिरा रसोई योजना का उद्देश्य
इंदिरा रसोई योजना का उद्देश्य है कि राजस्थान में कोई भी गरीब व्यक्ति भूखा नहीं सोए. साथ ही सभी को भरपेट खाना मिले. इस योजना के तहत यह सुनिश्चित किया जाता है कि हर व्यक्ति को ताजा, स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन मिले.
इंदिरा रसोई योजना (Indira Rasoi Yojna) के माध्यम से हर दिन 1.34 लाख व्यक्तियों और हर साल 4.87 करोड़ों व्यक्तियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस लक्ष्य को आवश्यकता अनुसार बढ़ाया जा सकता है.
इंदिरा रसोई योजना के लाभ
- जरूरतमंद और गरीब लोगों को पोषणयुक्त भोजन मिलता है.
- इस खाने के लिए लाभार्थी को एक वक्त के भोजन के लिए मात्र ₹8 देना होता है.
- इस योजना के माध्यम से ₹100 प्रतिदिन कमाने वाला व्यक्ति आराम से ₹16 में दो वक्त का भरपेट खाना खा सकता हैं.
- इससे गरीब लोगों का स्वास्थ्य सही रहेगा.
इंदिरा रसोई योजना का बजट
इंदिरा रसोई योजना के तहत राजस्थान की सरकार द्वारा हर वर्ष 100 करोड़ रुपये का खर्च करने का नियम था जिसे बढ़ाकर 2022-23 की बजट में हर साल 250 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया. Rajasthan Indira Rasoi Yojana के तहत अनुदान के लिए 50% राशि नगर निकायों को देय राज्य वित्त आयोग अनुदान और बची 50% प्रथमतया मुख्यमंत्री सहायता कोष से या आवश्यकता होने पर अन्य मदों से पूर्ति की जाती है.
सरकार द्वारा हर रसोई को आधारभूत संरचना के लिए 5 लाख रुपये और हर रसोई के आवर्ती संरचना के लिए 3 लाख रुपये हर साल दिए जाते हैं. यही नहीं राज्य में जो रसोईया अच्छा काम करती है उन्हें जिला संभाग, राज्य स्तर पर 15 अगस्त और 26 जनवरी पर 15 लाख से भी अधिक राशि के नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है.
किस तरह के लोग उठा सकते हैं इस योजना का लाभ?
- इस योजना का लाभ उठाने के लिए आपका राजस्थान का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है.
- गरीब और जरूरतमंद जिनकी आय बहुत कम है