सावन मास के अधिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन अधिक पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है. इस दिन पूजा और दान करने का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा के दिन जप, तप और दान करने का विशेष महत्व होता है. इससे साधकों को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
सावन की पूर्णिमा आज यानी कि 1 अगस्त को मनाई जाएगी. साथ ही इस दिन मंगला गौरी व्रत का भी अद्भुत संयोग बन रहा है. इस तरह इस बार भक्तों को भगवान शिव और माता पार्वती दोनों की पूजा का शुभ अवसर मिल रहा है. पूजा से पहले आप जान लें पूजा करने की शुभ मुहूर्त.
Adhik Maas Purnima Puja: जानें इस पूजा का शुभ मुहूर्त
अधिकमास पूर्णिमा तिथि शुरू – 1 अगस्त 2023, सुबह 03.51 मिनट
अधिकमास पूर्णिमा तिथि समाप्त – 2 अगस्त 2023, प्रात: 12.01 मिनट
स्नान-दान मुहूर्त – सुबह 04.18 – सुबह 05.00 बजे
सत्यनारायण पूजा – सुबह 09.05 – दोपहर 12.27 बजे
चंद्रोदय समय – शाम 07.16
Sawan Purnima: पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि
इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित किया जाता है. जल चढ़ाने के वक्त मंत्र ॐ घृणिः सूर्याय नमः का जाप करें. पूजा के लिए भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें. इसी के साथ धूप-दीप और प्रसाद चढ़ा कर पूजा करें. इसके साथ ही भगवान विष्णु की प्रार्थना करते हुए सत्यनारायण व्रत करने का संकल्प लें.
संध्या काल पूजा में विष्णु को पत्ता, पंचामृत, केला और पंजीरी बनाकर अर्पित करें. इसके बाद विधि-विधान के साथ माता लक्ष्मी और श्री हरि की पूजा करें. इस दिन सत्यनारायण की कथा सुनने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. पूजा के बाद परिवार और अन्य लोगों में प्रसाद बाटें. पूर्णिमा के दिन, दान-दक्षिणा जरूर करें.
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