4 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो चुका है. वहीं इस बार सावन 31 अगस्त को होगा. मान्यताओं के अनुसार, सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय महीना होता है. सावन के इस माह में मासिक शिवरात्रि भी आने वाली है. हिंदू धर्म में शिवरात्रि या मासिक शिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. इस बार ये मासिक शिवरात्रि 15 जुलाई को मनाया जाएगा. कहा जाता है कि इस विशेष दिन पर भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से सभी के जीवन में सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है.
15 जुलाई को है मासिक शिवरात्रि
हिंदू पंचाग के अनुसार, मासिक शिवरात्रि हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. सावन माह में पड़ने वाली पहली मासिक शिवरात्रि 15 जुलाई शनिवार को है. सावन के महीने में पड़ने वाली ये मासिक शिवरात्रि बेहद खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन कावड़िए भगवान शिव पर जल चढ़ाएंगे.
सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri) 2023 शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास (Sawan Shivratri 2023 Shubh Muhurat) के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 15 जुलाई को रात्रि 08 बजकर 32 मिनट से शुरू होगी और इस तिथि का समापन 16 जुलाई को रात्रि 10 बजकर 08 मिनट पर हो जाएगा. सावन शिवरात्रि के दिन रात्रि के समय पूजा-पाठ का विधान है, इसलिए यह व्रत 15 जुलाई 2023, शनिवार के दिन रखा जाएगा. इस विशेष दिन शिव और पार्वती की उपासना चार पहर में की जाती है. आइए, जानते हैं ये चार पहर कौन-कौन से हैं-
- प्रथम पहर पूजा- शाम 07:21 से रात्रि 09:54 तक
- द्वितीय पहर पूजा- रात्रि 09:54 से मध्य रात्रि 12:37 तक
- तृतीय पहर पूजा- रात्रि 12:37 से प्रातः 03:00 तक
- चतुर्थ एवं अंतिम पहर पूजा- सुबह 03:00 बजे से सुबह 05:33 तक
इस मौके पर आप भगवान शिव की आराधना कर के सुख-समृद्धि पा सकते हैं. शिव की पूजा में मंत्र उच्चारण का विशेष स्थान होता है. भगवान शिव की पूजा के लिए कुछ खास मंत्र (Sawan Shivratri 2023 Shiv Mantra) है-
- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्
- श्री शिवाय नम:
- श्री शंकराय नम:
- नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय
- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
सावन शिवरात्रि 2023 शुभ योग
सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन तीन अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है. इस विशेष दिन पर वृद्धि योग, ध्रुव योग और मृगशिरा नक्षत्र बन रहे हैं. बता दें कि वृद्धि योग सुबह 08:22 तक रहेगा और इसके बाद ध्रुव योग का शुभारंभ हो जाएगा. इसके साथ मृगशिरा नक्षत्र 16 जुलाई रात्रि 12:23 तक रहेगा. ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि इन शुभ मुहूर्त में पूजा पाठ करने से साधकों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है.
सावन शिवरात्रि 2023 महत्त्व (Sawan Shivratri 2023 Importance)
सावन मास की शुरुआत से कावड़ यात्रा का शुभारंभ हो जाता है और सावन शिवरात्रि के दिन कांवड़िए लंबी यात्रा कर भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करने से और पूजा-पाठ करने से साधक को सभी समस्याओं से मुक्ति प्राप्त होती है. इसके साथ इस विशेष दिन पर चारों प्रहर पूजा करने से साधक को धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष इन सभी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
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