मॉनसून का महीना सिर्फ बारिश की बूंदें, गर्मी से ठंडक, ताजगी ही नहीं लाती बल्कि जल-जनित संक्रमण, ह्यूमिडिटी और आंखों का इंफेक्शन भी लाती है. आंखें बहुत संवेदनशील और नाजुक होती हैं. ऐसे में बहुत जरूरी है कि हम अपने आंखों का ख्याल रखें. इन दिनों देश के कई राज्यों से आई फ्लू व कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis News) की खबरें सुनने को मिली है. बिहार, यूपी जैसे राज्यों के हालात तो बद-से-बदतर है.
क्या होता है कंजक्टिवाइटिस?
हमारी आंखों में एक पारदर्शी पतली झिल्ली होती है जिसे कंजक्टिवा कहा जाता है. हमारी पलकों के अंदरूनी और आंखों की पुतली के सफेद भाग को यह कवर करती है. इसमें सूजन आने या संक्रमित होने को कंजक्टिवाइटिस या आंख आना कहते हैं. इसे ही आई फ्लू भी कहते हैं. आई फ्लू एडेनोवायरस (Adenovirus) के कारण होता है.
क्या Conjunctivitis देखने से फैलता है?
यह संक्रमण एलर्जिक होता है. बिहार के सुपौल जिले के आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर प्रदीप कुमार शर्मा ने कहा, “ मान लीजिए आपको यह बीमारी हो गई है और आपके रूमाल को मैंने छूआ और फिर उसी हाथ से मैंने अपने आंखों को छु लिया तो ऐसे में संभावना है कि मुझे भी यह इंफ्केशन हो सकता है.” इसी तरह यह संक्रमण संक्रमित व्यक्ति के तकिया, चश्मे आदि इस्तेमाल करने से फैल सकता है. हालांकि, इस सवाल पर कि क्या आई फ्लू (Eye Flu) संक्रमित व्यक्ति को देखने से भी फैलता है उन्होंने कहा नहीं यह सिर्फ भ्रम है. डॉक्टर मरीज को काला चश्मा का प्रयोग करने इसलिए कहते हैं कि काला चश्मा पहनने से आंखों को ठंडक मिलती है. कंजक्टिवाइटिस सिर्फ छूने (Conjunctivitis Is Communicable) से फैलता है.

कंजक्टिवाइटिस के लक्षण
डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा ने हमें कंजक्टिवाइटिस के लक्षण (Symptoms Of Conjunctivitis) बताया. उन्होंने कहा कि यदि बिना किसी कारण आंखों में लाली, सूजन आदि तो समझ लें कि यह कंजक्टिवाइटिस ही है. जैसे आपने आंखों में कोई दवाई डाली हो जिसका रिएक्शन हुआ हो, या आंखों में बालू-धूल जाने से आंखें लाल हो गई है तब आपके पास एक कारण है. लेकिन बिना कारण अगर मॉनसून के महीने में आंख लाल हो रहे हैं, उनमें कोई बदलाव आ रहे हों तो समझ लीजिए कि यह कंजक्टिवाइटिस है. ऐसे में सबसे पहले डॉक्टर के पास जाएं. बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी होम रेमिडी की मदद न लें. कंजक्टिवाइटिस के आम लक्षण-
- आंखों से पानी आना.
- आंखों का लाल हो जाना.
- ज्यादा परेशानी होने पर आंखों से डिस्चार्ज होता है.
- कॉर्निया (केरेटाइटिस) हो जाता है. यह काफी घातक होता है. इस स्थिति में आंखों की रोशनी भी जाने का डर रहता है.
- आंखों में सूजन होना. आंखों के ऊपर और नीचे की परत फूल जाती है.
कंजक्टिवाइटिस से बचाव और उपाय
डॉ. प्रदीप ने कहा कि यह संक्रमण हर साल लोगों को परेशान करता है, कभी ज्यादा तो कभी कम. इस बार इसने बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित किया है. इस बार इसकी तीव्रता (Severity) ज्यादा है. वहीं इसके उपाय को लेकर उन्होंने कहा कि बिना डॉक्टर से दिखाए किसी तरह की दवाई न लें. उन्होंने कहा यदि किसी छोटे बच्चे को यह संक्रमण हुआ है तो उन्हें स्कूल नहीं भेजना चाहिए क्योंकि आई फ्लू छोटे बच्चों में तेजी से फैलता है.
- आंखों में किसी प्रकार के रिएक्शन की स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करें
- संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं
क्या आई फ्लू मॉनसून में तेजी से फैलता है?
डॉ. प्रदीप ने कहा, “यह वायरस मॉनसून में तेजी से फैलता है. जब मौसम बदलता है, गर्मी से बारिश की तरफ, जैसे अभी देखते हैं कि बहुत तेज धूप है और ऐसे में बारिश हो गई तो ह्यूमिडिटी बढ़ जाता है. ऐसे में आई फ्लू के होने की संभावना बढ़ जाती है.”
नोट: यह रिपोर्ट डॉक्टर से बातचीत के आधार पर लिखी गई है. इसमें कोई भी जानकारी अपने ओर से नहीं जोड़ी गई है.
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