भाजपा के राज्यसभा सांसद व बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बेंगलुरू में हो रही विपक्षी दलों की बैठक को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता की पहली और दूसरी बैठक के बीच मात्र 24 दिनों के भीतर नीतीश कुमार हाशिये पर आ गए हैं, शरद पवार की पार्टी टूट गई, कांग्रेस ड्राइविंग सीट पर आ गई और बिहार-यूपी में जीतन राम मांझी, ओम प्रकाश राजभर, चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए की ओर आने से विपक्ष कमजोर हो गया है.
सुशील मोदी ने कहा कि विपक्षी एकता की बेंगलुरू में आयोजित बैठक में जिन आठ नए दलों के जुड़ने की बात कही जा रही है, उनमें चार केरल और चार तमिलनाडु के छोटे-छोटे दल हैं. उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत के जिन दो राज्यों में भाजपा का प्रभाव बहुत कम है, वहां के इन चंद दलों के विपक्ष के साथ जुड़ने या न जुड़ने से राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए को कोई फर्क पड़ने वाला नहीं हैं. यह केवल परसेप्शन बनाने का खेल है.
वहीं शरद पवार को लेकर सुशील मोदी ने कहा कि अपना घर ठीक करने और टूट का घाव भरने में लगे शरद पवार बंगलुरू पहुचेंगे भी या नहीं, अभी कहना मुश्किल होगा. कहा कि ममता बनर्जी बंगलुरू बैठक में भाग लेंगी लेकिन सोनिया गांधी की दावत में शामिल न होकर एकता में पड़ी गांठें भी जाहिर करेंगी. विपक्षी एकता के नाम पर केवल भाजपा-विरोध की राजनीति हो रही है. सब अपना-अपना भ्रष्टाचार और परिवारवादी पार्टी का अस्तित्व बचाने में लगे हैं.
पटना में विपक्षी एकजुटता की बैठक में 15 दल शामिल हुए थे तो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा बुलाई गई बेंगलुरु बैठक में 24 दलों को न्यौता दिया गया है. इस बैठक में आज रात सोनिया गांधी के तरफ से भोज की तैयारी की जा रही है. बेंगलुरु बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजद प्रमुख लालू प्रसाद, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह तथा जल संसाधन मंत्री संजय झा के साथ पटना एयरपोर्ट से विशेष विमान से रवाना होंगे.
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