भारतीय रसोई (Indian Kitchen) दुनिया भर में पारम्परिक हो या नई, स्वाद और ज़ायक़े के लिए जानी जाती है. मां-दादी-नानी की रसोई हो या समय बदलते पाक-कला का हस्तांतरण, जब दीदी-भाभी के हाथों में अपनी पैठ बनाती है, तो हमारी पीढ़ी स्वाद-सुगंध के जादू में खींची चली जाती है. अब समय ऐसी करवटें ले रहा, जहां मशहूर शेफ़(Famous Chef) भी पुरुष हैं और वे घर-गांव की रेसिपीज़ में अपने आधुनिक फ्लेवर से एक ऐसी नवीनता भी ला रहें कि हम बस अंगुलियां चाटते रह जा रहें. आज हम अचार की बात कर रहें जो हमारे खाने का न केवल अभिन्न अंग है बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है.
फुर्सत के लम्हें हो या आफिस की आपाधापी, आइए बनाएं सब्जियों के अचार
अब तो खाना भी मौसम के मिज़ाज और ज्यादातर समय की बचत करने के लिए होती है. लेकिन, घर से दूर जब रहने की विवशता भी होती है, तो बड़े- बुजुर्गों की याद बरबस मन को भिगो देती है. फिर हम तुरंत फ़ोन लगाकर झटपट कुछ ऐसा बना सकें कि खाने में विविधता बनी रहे, लग जाते हैं पूछने. खासकर, शनिवार या रविवार या कोई भी छुट्टी का दिन जब लगता है बाहर दोस्तों संग घूम आएं या उन्हें घर बुला दोपहर या रात का खाना तुरंत बनाकर फुर्सत के लम्हें उनके साथ गुजारें, और तब फ़ोन पर घर-परिवार से रेसिपी पूछते उनके साथ खुद को बांटतें भी हैं
खैर, तो आज खाना हल्का हीं बनाना हो मसलन चावल, रोटी-दाल, कोई सब्जी या भुजिया और सलाद-पापड़ हो, तब अनायास अचार (Pickles) की याद आ जाती है. घर से लाए अचार के मर्तबान ( Jar) में, जो प्यार मां ने भरा था, अब घर जाने पर हीं फिर मिल पाएगा. तो कुल मिलाकर हम अब झटपट और बिल्कुल ताज़ा अचार बनाएंगे, जो बहुत हीं आसान है और सबों का दिल भी जीत लेगी.
तवा अचार को बनाना बस चुटकियों का काम है
तवा अचार (Pan Pickles) एक ऐसी रेसिपी है जो सालों भर बना सकते हैं. विशेषकर यह गाजर (Carrots), मूली (Radish) , चुकंदर (Beetroot) और हरी मिर्च (Green chilli) की बनाई जाती है. आप अपने स्वाद के हिसाब से सब्जियां चुन सकते हैं. बहुत लोग गोभी भी डालते हैं. आजकल हर प्रकार की सब्जियां सालों भर उपलब्ध होतीं हैं, तो यह अचार कभी भी बना सकते हैं. तो आइए तवा अचार की रेसिपी झटपट देखते हैं.
Recipe Card / Ingredients: तवा अचार की सामग्री
- गाजर, मूली, चुकंदर, हरी मिर्च
2. मसाले-लाल मिर्च पाउडर (Red chilli Power), हल्दी (Turmeric), अमचूर पाउडर (Dry Mango Powder), सरसों (Mustard seeds), साबुत धनिया (Coriander Dry), पंचफोरन जिसमें जीरा (cumins), मेथी (Fenugreek), सौंफ (Fennel), राई (Yellow Mustard seeds) और मंगरैल (Mangle)-अजवायन (Oregano) ) काली मिर्च पाउडर (Black Pepper)
3. अदरक (Ginger) , लहसुन ( Garlic), हींग (Asfoitida)
तवा अचार बनाने की विधि
- सब्जियों को धोकर लंबाई में काट लें.
- मसालों को तवे (Frying Pan) पर भूनकर ठंडे होने के लिए एक बरतन( Bowl) में रखें और बाद में सूखा हीं पीस लें.
- सरसों तेल गर्म करें और हींग डालकर, हरी मिर्च हल्का भून कर निकाल लें.फिर तेल में अदरक – लहसुन काटकर भूनें और लंबी कटी सब्जियों को थोड़ा हल्का चलाएं.
- अब पीसे मसाले डालें, स्वादानुसार नमक डालें और सब्जियों को चलाते रहें और ज्यादा न पकाएं. जल्द हीं एक बरतन में डालकर गरम-गरम परोसें या सर्व करें.
भारतीय खाने में अचार के फ़ायदे की कमी नहीं है
तवा अचार (Pan Pickles) की खासियत यह है कि तेल की मात्रा अधिक नहीं होती, तो यह कैलोरी में भी कम होता है और सेहतमंद भी. सरसों का तेल पाचन और कब्ज की समस्या में भी मददगार होता है. अगर पूरी-पराठे के साथ सब्जी ना भी हो, तो टिफिन में तवा अचार का लुत्फ़ उठा सकते हैं और ऑफिस के सहयोगियों को भी इसका स्वाद लेने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं.
भारतीय खाने में स्वाद तो रहता हीं है, पर अब जिस तरह जीरो ऑयल ( Zero Oil) का प्रयोग बढ़ता जा रहा, हम उन्हें अपनाकर भी अपने खाने को समृद्ध कर सकते हैं. वैसे भी गाजर, मूली, चुकंदर और हरी मिर्च में बहुत गुण होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं.
अचार में प्रयुक्त सब्जियों में विटामिन की भरपूर मात्रा
गाजर में विटामिन A होता है जो आंखों के (Healthy Vision) लिए जरूरी है. साथ हीं गाजर त्वचा और प्रतिरोधी क्षमता और ह्रदय के साथ हीं ब्लड शुगर (Blood Sugar) के लिए भी अच्छा है. गाजर में बीटा- कैरोटीन (Beta- Carotene) पाया जाता है जो हमारे शरीर के लिए उत्तम है. Vitamin A कुछ कैंसर और हृदय रोग के खतरे को कम करने में सहायक है.
साथ हीं, मूली एंटी डायबिटिक (Anti Diabetic) की तरह है. ग्लूकोज़ को नियंत्रित करने की क्षमता भी मूली में है. मूली किडनी में पथरी की समस्या को कम करने में सहायक भी है. लिवर डिटाॅक्सिफाय (Liver Detoxification) के साथ वजन कम (Weight Loss) करने में मददगार है.
वहीं चुकंदर में एंटी ऑक्सीडेंट होता है. यह चेहरे पर चमक और बालों के निखार के लिए महत्वपूर्ण है. खून की कमी (Anaemia) को दूर करने में कारगर है. साथ हीं चुकंदर में डिमेंशिया (Dementia) से बचाव करने की क्षमता भी है.
और जहां तक हरी मिर्च की बात है तो इसमें Vitamin C की प्रचुरता होती है जो सर्दी – जुकाम और साइनस की समस्या से निपटने में सहायक है. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए तो अत्यधिक जरूरी है. हरी मिर्च आयरन का प्राकृतिक सोर्स है जो शरीर में रक्त- प्रवाह (Blood Circulation) बढ़ाती है.
तो यह झटपट अचार गुणों की खान है. आयुर्वेद में जहां भोजन में स्वाद और सेहत की दृष्टि से चीज़ें थाली में परोसी जाती हैं, वहां अचार की भूमिका महत्वपूर्ण है. भोजन ऐसा होना चाहिए जो शरीर में वात- पित्त-कफ़ ( Vata-Pitta-Kapha) को संतुलित कर सके. आयुर्वेद (Ayurveda) और अरोमाथैरेपी ( Aromatherapy) की किताब की मशहूर लेखिका और अपनी कंपनी (Company) की अध्यक्ष Blossom Kochhar कई बार इस बात की ताकिद भी करतीं हैं कि शरीर हर रूप में संतुलन में रहे, इसके लिए हमें कई स्वाद की महत्ता जाननी चाहिए.
Blossom Kochhar अपनी किताब में अपने अनुभव से लिखतीं भी हैं कि दोपहर हो या रात का भोजन, थाली में अन्य रेसिपी संग कड़वे स्वाद से लेकर थोड़े खट्टे स्वाद भी होने चाहिए जैसे अचार आदि. हम यह देखते हैं कि दक्षिण भारतीय थाली में हर स्वाद की उपस्थिति रहती है चाहे करेला का कड़वापन हो या अचार का भरपूर चटखारा !
तो, अपने रसोई में तवा अचार का ताज़ा तड़का लगाइए चाहे जहां भी हों. अब तो खाना बनाना केवल स्त्रियों का काम नहीं, तो प्यार से दोस्तों को भी बुलाइए और परोसिए अपने प्यार की गरमाहट.घर से दूर रहती लड़कियां और लड़के भी पीछे भला क्यों रहें, वे भी बनाएं और तारीफ़े पाएं. यूं तो घर से सीखी गई रेसिपी है तवा अचार, जो कई नामों से जानी जाती है, पर अब जब घर जाएं, तो घरवालों को बनाकर खुशियां दें और बटोरें भी ढ़ेरों प्यार! तो अब चलिए जल्द हीं बनाकर देखिए तवा अचार की रंगत, जिसके स्वाद और सुगंध में कौन नहीं डूबकी लगाना चाहेगा!.
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