उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है. चर्चा का कारण है विश्वविद्यालय के छात्रावासों में पिछड़े वर्ग के स्टूडेंट्स को ‘आरक्षण नहीं दिए जाने’ का मामला. इस मामले ने अब इतना तूल पकड़ लिया है कि कांग्रेस ने भी इस मामले मेें दखल देना शुरू कर दिया है. उत्तर प्रदेश के कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अजय कुमार लल्लू ने बीएचयू के हॉस्टलों में पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए आरक्षण की मांग की है.
अजय कुमार का कहना है कि बीएचयू के हॉस्टलों में अन्य वर्गों के लिए आरक्षण है. लेकिन पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण नहीं है. उन्होंने कहा कि यही स्थिति देश के अन्य केंद्रीय विशविद्यालय की है. इससे पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं इस मामले को लेकर अब राज्य पिछड़ा आयोग ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसके जैन से भी जवाब मांगा है. राज्य पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष द्वारा कुलपति को भेजे गए पत्र में 10 दिन के भीतर जवाब मांगा है.
बता दें कि बीएचयू को लेकर आरोप लगाया जा रहा है कि यहां एससी-एसटी (SC/ST) के अलावा आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण (EWS) को नियमानुसार आरक्षण दिया जा रहा है. वहीं ओबीसी (OBC) स्टूडेंट्स के साथ गलत हो रहा है. विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार, बीएचयू में अन्य पिछड़ा वर्ग स्पेशल फंड से कुल 4187 कमरों का निर्माण कराया गया है, जिसकी कुल लागत करीब 171 करोड़ रुपये है. नियमानुसार इन छात्रावासों के कमरों का आवंटन अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के स्टूडेंट्स के लिए होना चाहिए. जबकि इन छात्रों का कहना है कि उनके हितों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
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