कहते हैं सिनेमा समाज का आईना होता है. अब जब समाज बदल रहा है तो जरूरत है कि सिनेमा भी बदले. अब तक आपने सिनेमा में एक शब्द सुना होगा धक-धक. अक्सर इसे प्यार से जोड़कर देखा गया है. चाहे वो गोविंदा की फिल्म का गाना ‘दिल धक धक करता है, तुझपर ही मरता है’ हो या फिर अनुराधा पोडवाल और उदित नारायण की आवाज में गया हुआ गाना ‘धक धक करने लगा, हां, मोरा जियरा डरने लगा.’ इन सभी में दिल के धक-धक करने का अभिप्राय प्यार मोहब्बत आदि है. लेकिन आज हम जिस फिल्म की बात करने वाले हैं उस फिल्म में धक-धक का अभिप्राय एडवेंचर, रोमांचकारी कहानी से है. हम बात कर रहे हैैं ‘धक-धक’ फिल्म (Dhak Dhak Film Review) की. इस फिल्म की निर्माता तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) हैं. इस फिल्म में चार अलग-अलग उम्र की महिलाओं को एडवेंचर के लिए एक ट्रिप पर जाते दिखाया गया है. इस सफर में कई मुश्किलें आती हैं लेकिन इन मुश्किलों का सामना ये महिलाएं अपने ढंग से करती हैं.
ट्रिप पर निकली महिलाएं हमारे-आपके जैसी हैं
जैसा कि मैंने पहले भी कहा कि बदलते वक्त में सिनेमा बदल रहा है और इस तरह लोगों के मनोरंजन का तरीका भी बदल रहा है. मारपीट और थ्रिलर से अलग अब लोग महिला केंद्रित फिल्में (Women Centric Films) देखना भी पसंद करते हैं. फिल्म धक धक में अपनी चुनौतियों से लड़ रहीं चार महिलाओं की कहानी है जो दिल्ली से सबसे ऊंची पहाड़ी चोटी खारदुंगला के सफर को बाइक से तय करने निकलती हैं. इन सफर में उनके साथ क्या कुछ होता है, यह देखने लायक है. ये फिल्म इसलिए भी बाकी फिल्म जिनमें ट्रेवल को दिखाया गया उनसे अलग है क्योंकि इसमें ये चार महिलाएं अमीर नहीं है. इस फिल्म में आम घरों से आने वालों लोग जब ट्रिप पर निकलते हैं तो उनका संघर्ष क्या होता है ये फिल्माया गया है.
फिल्म के मुख्य किरदार कौन हैं?
शुरू से ही फिल्म में चार महिलाओं की कहानी दिखाई गई है इसलिए पूरी स्टोरी इनकेे इर्द-गिर्द घूमती नजर आएगी. मनप्रीत कौर (रत्ना पाठक शाह) की उम्र 60 से ऊपर हो गई है और वो पति के गुजरने और बेटियों की शादी होने के बाद से बिल्कुल अकेली है. वो जब बाइक से निकलती हैं तो बच्चे और जवान युवक उन्हें, “दादी को साइड दे देते हैं” कहकर मजाक उड़ाते हैं. लेकिन मनप्रीत समाज की किसी फब्तियों से नहीं डरती पर समाज और अपने बच्चों के नजर में सम्मान जरूर पाना चाहती हैं. इसलिए वो इस ट्रिप पर निकलती हैं.
वहीं मुख्य किरदार में दूसरे नंबर पर हैं ट्रैवल ब्लॉगर शशि कुमारी यादव उर्फ स्काय (फातिमा सना शेख). एक ट्रेजडी सेे गुजरने के बाद वो अपनी नई पहचान बनाने में लगी हुई हैं. जब स्काय को मनप्रीत कौर मिलती हैं तो उन्हें लगता है कि यही वो मौका है जिससे वो अपनी नई पहचान बना सकती हैं.
बाइक का इतना शौक रखना कि उसकी नब्ज बताकर समस्या का हल निकाल लेना उज्मा (दीया मिर्जा) का काम है. इसके बावजूद हालात की मजबूरियों के कारण उसने खुद को किचन में झोंक रखा है. ये ट्रिप उसके लिए सारे बंधन को तोड़कर निकलने का एक मौका है.
वहीं मंजरी (संजना सांघी) जिसकी अरेंज मैरिज हो रही है एक ऐसे लड़के से जिसे वो बिलकुल भी नहीं जानती. वो इस ट्रिप पर इसलिए निकलती है क्योंकि उसे दुनिया अपनी नजर से देखने का मौका मिलने वाला है.